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उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने अंकिता और जगदीश हत्याकांड में दोषियों को दंडित करने और उनके परिवारों को न्याय देने के लिए 2 अक्टूबर को संगठनों द्वारा घोषित उत्तराखंड बंद का समर्थन करते हुए आम जनता से इसे सफल बनाने की अपील की।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि 2 अक्टूबर को उत्तराखंड की जनता काला दिवस के रूप में मनाती आई है। हम इस साल इसे उत्तराखंड की जनता से सत्ता के विश्वासघात दिवस के रूप में भी मनाते हुए उत्तराखंड बंद का समर्थन करेंगे।
उपपा ने अल्मोड़ा के तमाम जन संगठनों से अपनी अपनी पहचान के साथ प्रातः 9:00 गांधी पार्क अल्मोड़ा में पहुंचकर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने की अपील की है।

पूर्व घोषित कार्यक्रमानुसार सरकार का फूंका पुतला

उपपा के युवा दलित नेता जगदीश की निर्मम हत्या व उत्तराखंड में अपराध, अराजकता, अंकिता हत्याकांड के खिलाफ उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने पुष्कर धामी सरकार को जनविरोधी नीतियों सरकार की जातिवादी, सांप्रदायिक मानसिकता, सांप्रदायिक भेदभावपूर्ण मानसिकता का पुतला फूंका और मुख्यमंत्री से त्यागपत्र की मांग की।
गत् 27 सितंबर को अल्मोड़ा में आयोजित आंखें खोलो चुप्पी तोड़ो रैली में शामिल तमाम राजनैतिक जन संगठनों ने धामी सरकार आज जनप्रतिनिधियों की संवेदनहीनता के खिलाफ, प्रदेश सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन पुतला दहन का फैसला लिया था।
इस दौरान चौघानपाटा में जमा पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सरकार से त्यागपत्र की मांग करते हुए उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार प्रदेश में अपराध, अराजकता, लंपटता‌, अपराधी तत्वों को संरक्षण देकर उत्तराखंड को दबंगई व भ्रष्टाचार के दलदल में धकेल चुकी है। उपपा अध्यक्ष ने कहा कि पिछले 22 वर्षों में उत्तराखंड सरकार ने इस राज्य को निर्मम लूट खसोट भ्रष्टाचार, अपराध, अराजकता का केंद्र बना दिया है। जहां कानून का राज खत्म हो गया है और सत्ताधारी नैतिकता की सभी हदें पार कर चुके हैं जिससे राज्य को बचाने के लिए एक बड़े आंदोलन की जरूरत है।
पुतला दहन में उपपा की केंद्रीय सचिव श्रीमती आनंदी वर्मा, अमीनुर्हमान, पर्वतीय पटवारी महासंघ के पूर्व प्रदेश महामंत्री पौड़ी नागरिक समिति के नेता श्री नरेश नौरियाल, उपपा की नगर अध्यक्ष हीरा देवी, श्रीमती चंपा देवी, एडवोकेट नारायण राम, गोपाल राम, उछास की नेता भारती पांडे, भावना पांडे, दीक्षा सुयाल, कुंवर राज, पूर्णिमा चम्याल, भावना नेगी, मोहम्मद शाकिब, प्रकाश चंद्र, हेमा पांडे बसंत राम, के.आर. टम्टा आदि लोग शामिल रहे।
उपपा के आंदोलनकारियों ने कहा कि उनका आंदोलन जारी रहेगा और भविष्य में और तेज होगा।

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