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हरिद्वार पूर्व कैविनेट मन्त्री व हरिद्वार से विधायक मदन कौशिक एक बार फिर विवादों मे है , पिछली सरकार मे शहरीय विकास मन्त्री रहते हुवे उन पर तब भी भू माफियाओं से साठगांठ के आरोप लगे थे , गुरुकुल महाविद्यालय मामले मे तो उनके खिलाफ स्वयं उन्ही के पार्टी से विधायक स्वामी यतीश्वरानन्द ने मोर्चा खोला था एक बार फिर से गुरुकुल मे अशान्ति है इस बार बाबा रामदेव , पर आरोप है कि वह गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर मे अनाधिकार कब्जा कर कर रहे है । उनके साथ डील किसमे की इस पर बिवाद है हरिद्वार आर्य समाज ने ऐलान किया है कि वह गुरुकुल की एक इंच जमीन भी खुर्द बुर्द नही होंने देंगे लोग गुरुकुल ज्वालापुर मे आचार्य कर्मबीर की उपस्तिथि में बिरोध दर्ज कर चुके है

ताजा आरोप पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन ने लगाये है ,अखाड़े में पंच परमेश्वरो द्वारा महंत रघुमुनि, मुकामी दामोदर दास ओर मुकामी दर्शन दास को अखाड़े के नियमो के विपरीत आचरण करने के आरोप में अखाड़े से निकाले जाने के बाद अब बड़ा उदासीन अखाड़े से जुड़े एवं अन्य अखाड़ो के वरिष्ठ संतों ने नगर विधायक मदन कौशिक को निकाले गए तीनों आरोपी संतो को संरक्षण दिए जाने के आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर विधायक मदन कौशिक ओर भूमाफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है। यहाँ संतो ने नगर विधायक पर भूमाफियाओं के साथ मिलकर अखाड़े की संपत्ति कब्जाने के आरोप लगाए हैं।
हरिद्वार शहर विधायक के खिलाफ श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा के संतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिखे पत्र में अखाड़े की भूमि ओर संपत्तियों पर शहर विधायक द्वारा भूमाफियाओं के साथ मिलकर नजर रखे हुए है जिस कारण ही इनके राजनीतिक संरक्षण वाले तीन संतो को अखाड़े के पंचपरमेश्वरो द्वारा अखाड़े से बाहर किया जा चुका है ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विधायक मदन कौशिक ओर भूमाफियाओं के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए मीडिया में अपने बयान जारी किए है जिसमे विधायक मदन कौशिक को संतो से बैर ना लेने की सलाह देने के साथ भाजपा को भी आगाह किया है कि अगर विधायक के कारण आने वाले लोक सभा चुनाव 2024 में संतो की नाराजगी देखनी पड़ सकती है ।

पिछली सरकार मे जब गुरुकुल की जमीन को खुर्द बुर्द करने की बात पर जब आर्य समाजी नाराज हुवे थे, उन्होंने आनिदोलन का बिगुल बजा दिया तब जमीन बेचने के पक्षकारों रे समर्थन मे गैर आर्य सन्यासी धरने पर बिठा दिये गये ,थे , हालाकि उसके बाद त्रिवेन्द्र सरकार चली गई थी , गुरुकुल की जमीन सुरक्षित हो गई । पर एक बार फिर से बाबा रामदेव का इसमे प्रवेश हो गया है , उनको गुरुकुल सौपने वालों मे बिधायक मदन कौशिक के समुह पर आरोप लग रहे है ।

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