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अल्मोड़ा यहां एक प्रेस वार्ता मे वन पंचायत सरपन्च संगठन ने बन विभाग द्वारा वन पंचायतों मे विना सरपन्चों को विस्वास में लिये ही एकतरफा जांच का बिरोध किया तथा ंमाग की कि जांच मे सरपन्चों को भी विस्वास मे लिया जाय सरपन्च संगठन मे इस एकतरफा कार्यवाही को वनपंचायत नियमावली 2005 का उलंघन बताया है।, बन पंचायत संरपन्च संगठन का कहना है कि आँधी- तूफान व अन्य कारणो से गिरे पड़े सूखे पेड़ो के उपयोग हेतु वन पंचायतो द्वारा निलामी का प्रस्ताव देने पर पूर्व बनाधिकारी महातिम यादव ने कुछ बन पंचायतों को इनके समुचित प्रयोग की अनुमति दी , इसवअनुमति के बाद ग्रामवासियों रे हित ंे इन निस्प्रयोद्य बन उपज का निस्तारण हेतु रोक लगा दी है । अब निभागीय अधिकारी बन पंचायकों में जाकर एकतरफा गिरे पड़े , कटे खूंटो की गिनती कर उन्हे स्नीकृति से अधिक बता रहे है जिससे बन पंचायतों की छबि खराब हो रही है तथा लोगों मे भ्रम फैला रहा है । यह पंचायतों को बन निभाग के अधीन करने की साजिश है । बन पंचायत सरपन्त संगठन ने कहा है कि न्यायालय भी उन्हे वन पंचायत की उपज का बन पंचायत के हकदारों को नियमानुसार लाभ देने व उपयोग के पक्ष मे फैसला दे चुका है, पर बन विभाग के अफसर वन पंचायतों को कोर्ट के आदेश के बावजूद हितलाभ देने के पक्ष मे नही है , बन पंचायते गांव की है व ग्राम सभा की सिविल भूमि में बनी है गांव के लोगों को यहां से लकड़ी पत्थर घास आदि की आपूर्ति के लिये बनाई गई है।यह अधिकार वन पंचायतों को ब्रिटिस भारत से प्राप्त है जिसे बन विभाग छीनमे का प्रयास कर रहा है , सरपंन्च संगठन मे कहा कि प्रतिवर्ष चीड़ के जंगलो में आग लगती है जिससे बन सम्पदा को करोंड़ो का नुकसान होता है, यदि चीड़ के स्थान पर अन्य प्रजाति के पौधे लगाकर बनाग्नि को स्थाई रूप से रोकने के प्रयास हो रहे है तो बन विभाग को इस पर आपत्ति क्यो है ,यदि आपक्ति है तों वन पंचायतों को भी बन विभाग की तरह बनाग्नि को रोकने हेतु सभी सुविधायें व सरपंचों को मानदेय भी दिया जाय क्योकि अब तक सरपन्च निशुल्क यह कार्य कर रहे है ।
लोगों आन्दोलन के बने बन पंचायते निशुल्क रूप से पर्यावरण बचा रही है किन्तु वन विभाग ने चिन्हीकरण के बाद काटे गये गिरे पड़े सूखे पेड़ो की निकासी पर भी रोक लगा रखीहै जिससे बन पंचायतों को भारी नुकसान हो रहा है निभाग ने वर्षों से बन पंचायतों लीसे की रायल्टी का भुगतान भी नही किया है । प्रेस वार्ता मे , सरपन्च संगठन के अध्यक्ष गनेश जोशी , नलिन पन्त सहित कई लोग उपस्थित थे ।