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अल्मोड़ा 10 जनवरी 2023 – अधिशासी अभियन्ता लघु सिंचाई अल्मोड़ा के0 एस0 कन्याल ने बताया कि उत्तराखण्ड में प्रायः अधिकतर आबादी कृषि गतिविधियों से जुड़ी हुई है, जिसका अधिकतर भू-भाग बारानी क्षेत्र होने के कारण वर्षा आधारित जल पर निर्भर है जो कृषि कार्यों के लिये पर्याप्त नहीं है। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु ही लघु सिंचाई विभाग स्थानीय तौर पर उपलब्ध जल स्रोतों का समुचित एवं सुनियोजित ढंग से दोहन कर लघु एवं सीमान्त कृषकों की कृषि योग्य भूमि जिसकी सिंचन क्षमता 2000.00 है0 तक सीमित हो, उनको समुचित सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में केन्द्र पुरोनिधानित, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई)- हर खेत को पानी, कलस्टर आधारित योजना के अर्न्तगत 25 कलस्टरों में 294 योजनाओं का निर्माण कर 712.50 है0 सिंचन क्षमता का सृजन कर कृषकों को लाभान्वित किया जा रहा है एवं निर्माण कार्य द्रुत गति पर गतिमान हैं। इसके अतिरिक्त जिला योजना, राज्य योजना, अन्टाईड फण्ड, नाबार्ड, मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत विभिन्न योजनाओं का निर्माण कर लघु एवं सीमान्त कृषकों को लाभान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रायः यह देखा गया है कि पर्वतीय क्षेत्रों में भू-स्खलन से सिंचाई गूल समय से पहले ही क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिनके पुर्ननिर्माण व रख रखाव के लिये अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता होती है जिस वजह से हर साल सरकार को अतिरिक्त वित्तीय भार वहन करना पड़ता है तथा प्रति हैक्टेयर लागत भी ज्यादा है। इन समस्याओं से निजात पाने के लिये जिलाधिकारी द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में 56 ग्राम पंचायतों में कलस्टर सिंचाई योजना पद्धति से एच0डी0पी0ई0 पाईप लाईन के माध्यम से एस0पी0ए0 योजना के तहत 495.54 लाख की योजना की डीपीआर तैयार की गयी जिसकी प्रति है0 लागत सतही लघु सिंचाई योजना से 60 प्रतिशत कम है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अन्टाईड फण्ड सहायतित, विकास खण्ड भैसियाछाना में अल्मोड़ा-सेराघाट सड़क मार्ग में स्थित ग्राम पंचायत-लिंगुणता के मंगलता सेरा में जैगन नदी से 1.3 किमी0 लम्बी एच0डी0पी0ई0 पाईप लाईन का निर्माण कार्य किया गया है एवं 14.00 है0 कृषि भूमि में नवीनतम सिंचाई पद्धति से 50 हाउस होल्डस को सिंचाई सुविधा से लाभान्वित किया जा रहा है।

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