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अल्मोड़ा सोबन सिंह जीना परिसर, अल्मोड़ा के शिक्षा संकाय के बी०एड० प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने आज सामुदायिक कार्यक्रम के अंतर्गत चौथे दिन, गुरुवार वार, दिनांक- 20 अप्रैल 2023 को ग्राम खत्याड़ी से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण सहायक-प्राध्यापक मा० मनोज कुमार, डॉ० ममता कांडपाल तथा सुश्री सरोज जोशी के दिशा निर्देशन में किया। द्वितीय सत्र में शिक्षा संकाय की विभागाध्यक्ष प्रो० भीमा मनराल जी की अध्यक्षता में ‘स्वास्थ्य देखभाल’ विषय पर डा० जगदीश चंद्र दुर्गापाल जी को व्याख्यान सत्र में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। शिक्षा-संकाय की विभागाध्यक्ष प्रो० भीमा मनराल ने मुख्य अतिथि महोदय को बैच अलंकृत कर सम्मानित किया तथा एक प्रतीक चिन्ह भेंट किया मुख्य अतिथि महोदय के चिकित्सा व समाज के क्षेत्र में योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि डा० जगदीश चंद्र दुर्गापाल एक नेत्र विशेषज्ञ हैं और उन्होंने सैकड़ों लोगों का इलाज करके उन्हें देखने की क्षमता प्रदान की है। आपने बताया कि समाज को जागरूक करने में शिक्षक की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है, अल्मोड़ा की पूर्व आईपीएस रेणुका जी का भी वर्णन करते हुए उन्होंने कहा की उन्होंने खत्यारी के पहल गांव तथा धनिया को भी गोद लिया तथा उसमें विभिन्न समाज सुधार के कार्य किए आपने शिक्षा संकाय की पूर्व विभागाध्यक्ष स्व० प्रो० सुधा दुर्गापाल जी के स्वर्णिम कार्यकाल का भी वर्णन किया।
व्याख्यान सत्र में अपने विचारों को प्रस्तुत करते हुए डा० जगदीश चंद्र दुर्गापाल जी ने कोरोना काल के समय की यादों को ताजा करते हुए कहा कि उस समय जब लॉकडाउन के कारण सभी लोग अपने अपने घरों में कैद हो गए थे तब हम अपनी टीम के साथ नागरिकों के उपचार में लगे हुए थे। आपने बताया कि यदि हमें समाज के लिए कुछ करना है तो हमें कुछ विशेष कार्य भी करने होंगे इसके साथ ही साथ आपने रेड क्रॉस के उद्देश्यों, योगदान व उपलब्धियों की जानकारी दी, आपने यह भी बताया कि अल्मोड़ा जेल में भी कैदियों का नेत्र परीक्षण कर उनकी आंखों का सफलतापूर्वक इलाज किया गया। आपने चिकित्सा की आधुनिक तकनीकों की जानकारी देते हुए कहा कि लेजर चिकित्सा के पश्चात आंखों में चश्मे की आवश्यकता बहुत कम हो जाती है। आपने मरीज के प्राथमिक उपचार के तरीकों से संकाय के विद्यार्थियों को परिचित कराया तथा हाथ धोने के उचित तरीके के साथ ही नेत्र के भीतरी हिस्से की तकनीकी जानकारी एक मॉडल की सहायता से प्रदान की। इसके अतिरिक्त शिक्षा-संकाय के सहा० प्राध्यापक, डॉ० ममता कांडपाल, सुश्री सरोज जोशी मा० मनोज कुमार आर्य तथा आमंत्रित अतिथि मा० सुंदर सिंह लटवाल जी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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