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कर्मचारियों की समस्याओं के लिये हमेशा मुखर रहे इन्जीनियर ड़ी के जोशी अब हमारे बीच नही रहे उन्होंने आज सुवह अपने आवास में अन्तिम सांस ली ।उनकी अन्त्येष्ठि विश्वनाथ घाट में कर दी गई । , अल्मोड़ा के विविध कार्यक्रमों में डी के जोशी की भूमिका हमेशा अग्रिम पंक्ति में रही , नेत्र विगंलागता के बाद भी ड़ी के जोशी ने कभी हार नही मानी , वह उत्तराखण्ड़ आन्दोलन के मुखर स्वप्नदृष्ठा रहे ।

डी के जोशी के नेत्र विगलांगता के बाद अल्मोड़ा में इन्होनें राष्ट्रीय दृष्ठिहीन संघ की स्थापना कर नेत्र बिगलांगो के लिये कार्य आरम्भ किया । उनके साथ कई कर्मचारी नेता उनके सहयोगी बने , वे तब से अब तक मृत्युपर्यन्त राष्ट्रीय दृष्ठिहीन संघ मे काम करते रहे , अल्मोड़ा के कई प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी डी के जोशी समय – समय पर अपने कार्यक्रमों में में याद कर लिया करते थे । जिसमे मन्जू पन्त, पी सी जोशी , मधु खाती , आदि कई लोंग शामिल रहे ।

डी के जोशी ने बतौर कर्मचारी नेता के रूप में उत्तराखण्ड़ के विविध कर्मचारी व जन आन्दोलनों मे कर्मचारियों के बीच वेहतर तालमेल बनाया वे उत्तराखण्ड़ संघर्ष वाहनी के नशा नही रोजगार दो आन्दोलन में भी सक्रिय रहे , ।

उनके निधन पर आज उन्हें बहुत से लोगों ने श्रद्धान्जली दी जिसमें दृष्ठिहीन संघ के चन्द्रमणी भट्ट उत्तराखण्ड लोकवाहिनी के महासचिव पूरन चन्द्र तिवारी , गौ सेवा न्यास के दयाकृष्ण काण्डपाल , रेडक्रास सोसायटी चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डा. जे सी दुर्गापाल , दिब्यांग जमशेद सिंह विष्ट , गिरीश जोशी , डे केयर के अध्यक्ष हेम जोशी , उ प पा अध्यक्ष पूरन चन्द्र तिवारी आदि ने गहरा दुख ब्यक्त किया , डी. के जोशी अविवाहित रहे वे अपने भतीजे के साथ ही रहते थे

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