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जोधपुर  मे 26 ,27 व 28 मई को अन्तराष्ट्रीय आर्य सम्मेलन हुवा इस सम्मेलन मे जोधपुर की सड़कों मे हजारों की संख्या मे पहुचे आर्यों ने जुलूस निकाला तथा जोधपुर मे महर्षि दयानन्द की उपस्थिति को याद किया , इस सम्मेलन मे कई प्रस्ताव पारित किये गये सार्वदेशिक आर्य प्रकिनिधि सभा के महामन्त्री बिठ्ठलराव आर्य ने कहा कि देश के किसी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम महर्षि दयानन्द के नाम पर रखा जाय उनके कृतित्व को भारतीय शिक्षा मे जोड़ा जाय देश के क्रान्तिकारी स्वतन्त्रता सेनानियों को शहीद का दर्जा दिया जाय देश के लगभग साढे आठ लाख स्वतन्त्रता सेनानियो की सूचि सार्वजनिक की जाय 28 मई को जोधपुर  मे इस सम्मेलन के तीसरे दिन  पूर्णाहुति कार्यक्रम सम्पन्न हुवा सार्वदेशिक सभा के कोषाध्यक्ष माया प्रसाद त्यागी ने ओऊम ध्वजारोहण किया। इस कार्यक्रम में   देश भर से आर्य जन यहा पहुचे , तथा विदेशों से आर्य विद्वानों ने अपनी भागीदारी की , कार्यक्रम  का आयोजन सार्वदेशिक सभा के नेता स्वामी आर्यवेश व राजस्थान आर्यप्रतिनिधि  सभा की संयुक्त टीमने किया ,सम्मेलन मे समस्थ देश से हजारो आर्य प्रतिनिधियें ने  भागीदारी की संचालन आदित्यवेश मे किया । उत्तराखण्ड़ से गोविन्द भण्ड़ारी तथा दयाकृष्ण काण्डपाल इस सम्मेलन में पहुचे , , इस सम्मेलन मे चतुर्वेद महायज्ञ तथा विविध कार्यक्रम सम्पन्न हुवे । प्रवेश व पुनम आर्या मे योग व ध्यान कराया ।इस अवसर पर आर्य जगत के प्रसिद्ध नेता पूर्व प्रधान स्वामी आर्यवेश मे कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन आर्य जनों को गतिशील , भ्रमणशील तथा वैचारिक रूप से परिपूर्ण भी बनाते है महर्षि दयानन्द के जन्म के 200 वर्ष पूर्ण बोने पर देश भर मे कार्यक्रमों की श्रंखला चलती रहेगी षउन्होने इस आर्य सम्मेलन को सफल बनाने के सम्पूर्ण देश के आर्य विद्वानों भागीदार लोगो का आभार ब्यक्त करते हुवे कहा कि इस पुण्यॊकर्म का फल उन्हे अवश्य मिलेगा ।

कार्यक्रम मे देश भर से आये आर्य जनों को सम्मानित किया गया , सरदार भगत सिह के पोते किरणजीत सिंह ने कहा कि यदि महर्षि दयानन्द की प्रेरणा ना होती तो तो उनके परिवार की तीन -तीन पीढिया देश की आजागी के लिये कुर्वान ना होती किरणजीत सिह ने कहा कि लाहौर मे सरदार भगत सिंह के जन्म स्थल को पाकिस्तान सरकार ने सुरक्षित रखा है पर भारत मे सरकारे गंम्भीर नही है ।

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