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अल्मोड़ा सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा परिसर में छात्र संघ चुनाव के लिए तैयारिया हो रही है छात्र संघ चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद उम्मीदवारों व उनके समर्थकों ने प्रचार तेज कर दिया है। कैम्पस में गहमागहमी का माहौल दिख रहा है। बुधवार को रैली निकालने को लेकर पूर्व छात्र नेताओं व परिसर प्रशासन के बीच तीखा विवाद हो गया। देखते ही देखते मामला इतना बढ़ गया कि छात्र नेताओं व कुलानुशासक के बीच धक्कामुक्की हो गई । मामले को बढ़ते देख पुलिस को मौके पर बुवाना पड़ा ,पुलिस व परिसर के अन्य शिक्षकों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत कराया गया एसएसजे परिसर में उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया, जब उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी पंकज फर्त्याल के समर्थन में छात्र संघ के पूर्व नेता व उनके समर्थक रैली लेकर कैंपस पहुंचे। इस दौरान परिसर प्रशासन ने ढोल के साथ कैंपस में प्रवेश करने की मनाही की तो पूर्व छात्र नेताओं की परिसर प्रशासन के सदस्यों से तीखी नोक झोंक हो गई। इस दौरान मौके पर गहमागहमी का माहौल बन गया।
सूचना मिलने पर पुलिस बल के साथ मौके पर परिसर पहुंचा। इस दौरान काफी देर तक छात्रों ने परिसर में आयोजित हो रहे वार्षिक दिवस समारोह के बीच जमकर हंगामा काटा और परिसर व पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। हालांकि, बाद में परिसर के अन्य शिक्षकों व पुलिस अधिकारियों के समझाने पर मामला शांत हो गया।
निवर्तमान छात्र संघ उपसचिव दीपक तिवारी ने बताया कि सभी प्रत्याशी व उनके समर्थकों द्वारा परिसर में रैली निकाली जा रही है। लेकिन परिसर प्रशासन द्वारा उनके प्रत्याशी के साथ पक्षपात किया गया। परिसर प्रशासन ने उन्हें रैली निकालने से रोका जा रहा था। उन्होंने इसका विरोध किया।
वही, मामले में कुलानुशासक डॉ. मुकेश सामंत ने बताया कि परिसर में वार्षिक दिवस समारोह चल रहा था। जिसके जिसके चलते प्रत्याशी व उनके समर्थकों से कैंपस के अंदर ढोल न ले जाने की बात कही गई। जिस पर छात्र नेता आक्रोशित हो उठे। डॉ. सामंत ने कहा कि छात्रों ने उनके साथ असभ्य व्यवहार किया। जो किसी भी छात्र को शोभा नहीं देता।
एसएसजे कैंपस में आगामी 24 दिसंबर को छात्र संघ चुनाव होने है। चुनाव में जीत दर्ज करने व माहौल अपने पक्ष में करने के लिए जहां छात्र संगठनों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है वही, चुनाव को लेकर हर तरह के हथकंडे अपनाएं जा रहे है। प्रत्याशियों के समर्थन में गाजे बाजे के साथ रैलियां निकाली जा रही हैं।

मुद्दा विहीन छात्र संघ चुनाव

समय के साथ -साथ छात्र, राजनीति में भारी बदलाव आ गये है एक वह दौर था जब छात्र राजनीति राज्य व देश की राजनीति तय करती थी , लोकनायक जयप्रकाश ने छात्र राजनीति को एक नई दिशा दी थी ।आल इँण्ड़िया असम गण परिसद ने तो असम मे छात्रों की ही सरकार बना ली थी । उक्तराखण्ड़ राज्य आन्दोलन भी छात्रों के दम पर ही लड़ा गया कुमाऊ निश्वविद्यालय भी छात्र आन्दोलन के दम पर बना था ,द्वाराहाट इन्जीनियरिंग कालेज भी आन्दोलन की ही देन थे । अब छात्र नेता किन मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ रहे है स्पष्ठ नही है । दलीय प्रतिबद्धता अपनी जगह है पर छात्र हित सर्वोपरि होना चाहिये ।

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