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गरीब व असहाय बच्चों को बैदिक संस्कार व शिक्षा प्रदान करने वाली उत्तराखण्ड़ में वैदिक बिचारों से ओतप्रोत संस्था गुरुकुल ज्वालापुर अब बाबा रामदेव के नियन्त्रण में आ गई है। सूत्रों ने बताया कि गुरुकुल की प्रशासनिक समिति मे इस आशय का प्रस्ताव कर दिया है , ।इस गुरुकुल को खुर्द -बुर्द करने व कालौनिया काटने आरोप पूर्व मे हरिद्वार के कई राजनेताओं पर लगते रहे ,। उस समय स्वामी यतीश्वरानन्द गुरुकुल के संरक्षक के तौर पर इस आन्दोलन में शामिल थे ।
हरिद्वार के लोग बता रहे है कि बाबा रामदेव ने गुरुकुल मे कब्जा ले लिया है पर गरीब परिवारों के बच्चों पर गाज गिरनी तय है , अभिवाहकों का कहना है कि गुरुकुल की ओर से फौन पर उनसे डेढ लाख रुपयों की वार्षिक फीस मांगी जा रही है । पर यह स्पष्ठ नही है कि यह शुल्क पूर्व प्रवन्धक समिति मांग रही है या बाबा रामदेव के नियन्त्रण वाली समिति यह मांग रही है , इस बिद्यालय मे अपने बच्चों को पढाने वाले अभिवाहक अत्यधिक गरीब परिवारों से है इनकी भारी भरकम फीस जमा करने की हैसियत नही है। अब आर्य जगत को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि निर्धन छात्रों की शुल्क की ब्यवस्था कैसे होगी बच्चे गुरुकुल में रहेंगे या घर भेज दिये जायेगे इस पर भी अभी तक किसी का कोई स्पष्ठीकरण नही आया है । जिससे गुरुकुल में अध्ययनरत, अभिवाहक असमंजस मे है । आर्य. प्रतिनिधि सभा उत्तराखण्ड के सभासदों का मत है , कि पतंन्जली को इस गरीब बच्चों की दयनीय हालत पर रहम करना चाहिये , तथा उनकी शिक्षा सुचारु रखनी चाहिये ।