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देहरादून आर्य प्रतिनिधि सभ उत्तराखण्ड  की बैठक सभा के प्रधान मानपाल सिंह आर्य की अध्यक्षता में देहरादून आर्य समाज राजपुर (किशनपुर रोड)  में सम्पन्न हुई । बैठक का संचालन सभा मन्त्री शत्रुघन मौर्य मे किया ।बैठक में आर्य समाज की वर्तमान व भावी  कार्यक्रमों पर चर्चाये की गई ,जिसमे देहरादून में ऋषिपर्णा पुल को महर्षि दयानन्द सेतु घोषित कराने के बाद पुल में महर्षि दयानन्द की एक आदमकद मूर्ति लगाने पर भी बिचार हुवा । बैठक मे तय हुवा कि उत्तराखण्ड़ के सभी जनपदों में आर्य समाज के स्वतन्त्रता संग्राम , स्वतन्त्रता आन्दोलन , समाजसुधार , हिन्दी प्रचार व साहित्य सृजन में योगदान गौरक्षा आन्दोलन पशुबलि आन्दोलनों मे आर्य समाज की भूमिका पर उससे जुड़े सवालों को फिर से खोजकर उसे समाज के सम्मुख लाया जायेगा ।

बैठक मे महर्षि दयानन्द के जन्म के 200वर्ष आर्य समाज की स्थापना के 150 वर्ष के कार्यक्रमों पर भी परिचर्चा हुई , इस अवसर पर कोरोना काल मे शिथिल पड़ गई समाज की गतिविधियों कों फिर से गति देने पर विचार हुवा बैठक मे तय हुवा कि आर्य समाज का प्रान्तीय बृहद अधिवेशन मार्च 2023 रविवार रविवार को कौसानी में सम्पन्न होगा , इसका संयोजन पूर्व प्रधान गोविन्द भण्ड़ारी व पूर्व मन्त्री दयाकृष्ण काण्डपाल करेंगे , जिसके लिये आगन्तुकों को अग्रिम पंजीकरण कराना होगा । इसमें आर्य समाज के भावी कार्यक्रमों पर चर्चा होंगी ।

बैठक मे आय ब्यय के प्रेक्षण के बाद परिचर्चा हुई । युवाओं को आर्य समाज मे जोड़ने पर विचार हुवा । इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार रखे पूर्व प्रधान , गोविन्द भण्ड़ारी ने कहा कि यदि महर्षि दयानन्द अमिचन्द के दुर्गुणों को देखते तो तो स्वामी श्रद्धानन्द जैसा आर्य समाजी आर्य समाज को नही मिलता मनुष्य मे गुण व दुर्गुण समान रूप से होते है । अत: उसे भी आर्य समाज से जुड़ने का मौका दिया जाना चाहिये जो आर्य नही है हो सकता है कि नही ब्यक्ति नेहतर आर्य बन जाय जैसा कि आजादी के आन्दोलन में हुवा ,

पूर्व मन्त्री दयाकृष्ण काण्डपाल ने कहा कि लमुता उत्तराखण्ड़ आर्य समाज के विविध आन्दोलनों का गवाह रहा है वर्तमान समय में जब भारत सरकार आजादी का अमृत महोत्सव चला रही है इतिहास पर परिचर्चाये हो रही है ऐसे समय में आर्य समाज में शिथिलता इतिहास के साथ एक छल है आर्य समाज में इस बात पर तो बहस है कि वेद पढना चाहिये पर इस बात की चर्चा नही है कि वेद पढकर क्या-क्या करना चाहिये , कोटद्वार में आर्य सम्मेलन हुवा पर जयानन्द भारती के अलावा किस – किस आर्य नेता को याद किया गया उसका ब्यौरा सार्जनिक नही है । प्रेम प्रकाश शर्मा ने कहा कि आर्य समाज को गति देने के लिये हर जनपद में सम्मेलन होने चाहिये । सम्मेलन में हरिद्वार , अल्मोड़ा बागेश्वर देहरादून , नैनीताल ,पौढी आदि जनपदों के प्रतिनिधियों ने भादीदारी की ।

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