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देहरादून, 14 जनवरी जोशीमठ भू-धंसाव से नगर में आई आपदा में पानी का डिस्चार्ज कम होने का नाम ही नही ले रहा ।आपदा प्रवन्धन विभाग के सचिव डा. रंजीत कुमार सिन्हा ने प्रेस वार्ता में कहा कि आज शनिवार को पानी का डिस्चार्ज बढ़कर 240 एलपीएम पहुंच गया है। इस आपदा का दायरा भी बढता जा रहा है अभी तक 782 भवनों में दरारें आई हैं 223 परिवार को सुरक्षित इलाकों में विस्थापित किया गया है। आपदा प्रवन्धन विभाग का कहना है कि वर्षा व बर्फबारी के चलते पानी के डिस्टार्ज मे बढ़ोतरी हुई है इस दौरान उन्होंने बताया कि जोशीमठ की जेपी कॉलोनी में पानी का डिस्चार्ज शुक्रवार को 190 एलपीएम था जो अचानक बढ़कर 240 एलपीएम हो गया है। इसके लिए संस्थानों से बात कर कारणो का पता लगाया जाएगा। अनुमान है कि पानी और बर्फबारी से भी बढ़ा होगा। डा. सिन्हा ने बताया कि विस्थापित परिवारों के लिए मॉडल टेंपररी शेल्टर बनाए जा रहे हैं। ऐसी जमीन जो सुरक्षित हैं ये शेल्टर बनाए जाएंगे। सीआरबीआई की ओर से चयनित कंपनी घर बनाएगी जो 400 रुपये/स्क्वायर फीट के हिसाब से होगा। उन्होंने बताया कि कितना मुआवज़ा दिया जाएगा। इसके लिए सर्वे चल रहा है, उसके हिसाब से ही प्रबंधन की टीम जोशीमठ का रविवार को दौरा करेगी। इसमें आपदा अपर सचिव, जियोलॉजिस्ट और केंद्रीय अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
उन्होंने बताया कि ड्रेनेज प्लान के लिए इरिगेशन डिपार्टमेंट से बात की जाएगी। एनजीआरआई ने जोशीमठ में जियो फिजिकल सर्वे शुरू किया है। भारत सरकार के स्तर पर सीबीआरआई की ओर से विस्थापितों की स्वयं की सुरक्षित भूमि पर प्री फैब हट में सहायता दी जा रही है। प्रशासन की ओर से शीतलहर को देखते हुए नगर पालिका जोशीमठ में 10 स्थानों पर अलाव जलाये गये हैं। राहत शिविरों में हीटर की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रति परिवार विस्थापन के लिए अग्रिम के रूप 125 परिवारों को 1 करोड़ करोड़ 87 लाख 50 हजार रुपये की धनराशि वितरित की गई है। प्रति परिवार 5000 रुपये की दर से घरेलू राहत सामग्री के लिए अभी तक कुल 73 (कुल 3.65 लाख रुपये ) प्रभावितों को वितरित की गई है। तीक्ष्ण/पूर्ण क्षतिग्रस्त भवन के लिए 10 प्रभावितों को 13 लाख की राशि वितरित की गई है। मकान किराये के लिए 10 लोगों ने आवेदन किया है।
राहत शिविरों की क्षमता में वृद्धि करते हुए अस्थायी रूप से जोशीमठ में कुल 615 कमरे हैं जिनकी क्षमता2190 लोगों की है। पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। उन्होंने बताया कि अभी तक 782 भवनों में दरारें आई हैं। गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र/ वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 148 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं। 223 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 754 है।पत्रकार वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान,प्रभारी अधिकारी पीआईबी,निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून,निदेशक एनआईएच और निदेशक आई आई टी आर उपस्थित थे

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