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देहरादून – एक प्रतिष्ठित न्यूज चैनल , न्यूज -18 मे जब यह खबर प्रकाशित हुई कि आंचल दूध केऊ बनाये रखने के लिये प्लास्टिक बनाने मे काम आने वाला कैमिकल मेलामाईन मिलाया जा रहा है यह कैमिकल किटनी को खराब करता है तो उपभोक्ता परेशन हो गये , लोगो को समझ ही नही आ रहा कि वह अपने बच्चों को पिलाये तो क्या पिलाये। किस दूध पर भरोसा करें विशेषज्ञों का कहना है कि दूध मे पहले से ही मेलामाईन पाया जाता है इन दिनों प्लास्टिक का विविध प्रयोग हो रहा है , हर उत्पाद प्लास्टिक में शील बन्द है , आशिक मात्रा में पंलास्टिक कण मिट्टी मे प्रवेश कर जानवरों के शरीर से दूध में घुलते रहते है । इसके बाद भी अतिरिक्त मोनोमाईन मिलाना मानव स्वास्थ के लिये खतरा है । यह कैंशर कारक व किटनी के लिये खतरनाक है ।

खबर के अनुसार , दूघ के पैकेट धूप के सम्पर्क में आते ही फूलने लगे विक्रेता ने शिकायत की , पर आंचल ने कोई ध्यान ही नही दिया । तब इसका प्रयोगशाला मे परिक्षण किया जिसमें यह तत्थ्य उजागर हुवे ।

आंचल के अधिकारियो का कहना है कि यह शाजिसन कराया गया परिक्षण मामले की जांच की जायेगी ।

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