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चम्पावत 27 दिसम्बर , चम्पावत मे दलित भोजन माता का विवाद सुलझने का नाम ही नही ले रहा , विवाद होंने पर चम्पावत के जिला मुख्य शिक्षा अधिकारी आर सी पुरोहित ने भोजन माता की नियुक्ति को निरस्त कर नये शिरे से प्रक्रिया अपनाने को कहा है , नियमानुसार बिद्यालय प्रवन्ध समिति भोजन माता का चुनाव करती है । प्रवन्ध समिति में प्रधाचार्य सचिव होते है । सचिव प्रबन्ध समिति के निर्णय के अनुसार ही कार्य करते है । ग्राम प्रधान व विद्यालय के प्रधानाचार्य मनंमाने तौर पर नियुक्ति नही कर सकते ।अब सवाल यह है कि यदि नियुक्ति प्रक्रिया के तहत हुई तो सुनीता को क्यों हटाया गया यदि प्रक्रियाओं का पालन नही किया गया तो नियुर्ति क्यों की गई । शिक्षा विभाग का कहना है कि नियुक्ति मान्य नियमों के तहत नही हुई है ।मानको के अनुसार बिद्यालय मे पढने वाले सबसे कमजोर छात्र या सबसे मेधावी छात्र की माता को भी प्रवन्ध समिति की सलाह पर यह अवसर दिया जा सकता है । बर्तमान समय मे सभी छात्र – छात्राये बिद्यालयों मे एक साथ ही बैठकर भोजन प्राप्त करते है। बच्चों के बीच कोई भेद नही होता । परन्तु अभी भी जातिगत भेद करना गलत परम्परा है चुनावी वर्ष मे राजनीतिक माहौल है अत: इस प्रकरण पर जमकर राजनीति हो रही है ।

सुनीता व उनके पति प्रेम राम ने बताया कि आम आदमी पार्टी की ओर से उन्हें फोन पर दिल्ली सरकार की ओर से सरकारी नौकरी देने की बात कही गई है। उन्होंने कहा है, यदि दिल्ली सरकार उसे सरकारी नौकरी देती है तो वह सहर्ष नौकरी के लिए दिल्ली जाएगी। लेकिन यदि सरकारी नौकरी नहीं मिली तो वह इंटर कालेज में भोजन माता पद के लिए फिर से आवेदन करेंगी। केजरीवाल सरकार ने सुनीता को दिल्ली मे भोजन माता के पद पर नौकरी देने का आस्वासन दिया है।भोजन माता प्रकरण को लेकर हुआ विवाद तूल पकडने और नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी पाए जाने के बाद शिक्षा विभाग ने सुनीता को इंटर कालेज सूखीढांग के भोजन माता पद से हटा दिया है। आगे नए सिरे से विज्ञप्ति जारी होने के बाद सुनीता भी अन्य महिलाओं की भांति इस पद के लिए आवेदन कर सकती है।इस पद से हटाने के बाद आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने सुनीता को दिल्ली में सरकारी नौकरी देने की पेशकश की है। सुनीता के पति प्रेमराम ने बताया कि पार्टी की ओर से उनके मोबाइल पर फोन कर दिल्ली सरकार के निर्णय की जानकारी दी गई है।

सुनीता दिल्ली सरकार