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ब्यापार मण्ड़ल का नाम सामने आते ही , वह दौर सामने आ जाता है ,जब कालेज के छात्र संघ के चुनाव होते थे तो रिजल्ड़ की घोषणा होते ही , अल्मोड़ा बाजार की हालत ऐसी हो जाती थी मानों छात्र कर्फ्यु लग गया हो । किसी की हिम्मत नही होती थी कि वह छात्र संघ चुनाव के परिणाम आने के बाद बाजार मे अपनी दुकान खोलकर बैठे रहे । वह ऐसा दौर था जब अधिकारी भी आवश्यक वस्तु अधिनियम व रेट कन्ट्रोल व खाद्य सुरक्षा के नाम पर किसी भी दुकान मे चले जाते व कोई भी दुकानदार के पक्ष मे खड़ा नही होता था ,। उस दौर मे , हल्द्वानी से बाबू लाल गुप्ता एक प्रतिष्ठित ब्यापारी तथा स्वच्छ काम के लिये जाने जाते थे । पहाड़ो में राशन सप्लाई के काम मे बाबू लाल गुप्ता व आशाराम मोहर सिंह, हिन्द क्रेन प्रचलित नाम थे । उस दौर में ब्यापारियों में भी एकता की सोच बिकसित हुई , मेरी जानकारी के अनुसार तभी प्रान्तीय उद्योग ब्यापार मण्ड़ल की नीव पड़ी जिसने उत्तर प्रदेश में भी अपनी छाप छोड़ी जिसमे हल्द्वानी के ब्यापारी भी प्रमुख भूमिका मे थे ।उस दौर में अल्मोड़ा मे हीरालाल ब्रतपाल जी तम्बाकू के ब्यापारी थे , उनके पुत्र सतपाल अग्रवाल ,ने अपनी दुकान को बदल कर समाचार पत्र व पत्रिकाओं की दुकान बना दिया था । अल्मोड़ा में राष्ट्रीय स्तर के सभी समातार पत्र उपलब्ध थे जो आज नही है ।, मुझे याद है कि पहली बार उन्होनें छात्रों के संघर्ष की अनदेखी कर अपनी दुकान खोली तो संघर्ष हुवा जिसमें तोडफोड के आरोप मे उन्होंने छात्रों पर मुकदमें कराये , शोभन सिंह जीना के आग्रह पर मुकदमें वापस भी हुवे । यह ब्यापारियों के एकजुट होंने का आरम्भिक काल था कालान्तक मे हमने देखा कि सूरज साह रैमजे चौक के पास छात्रों व आन्दोलनों से से बेखौफ होकर, आन्दोलनो मे भी अपनी दुकान खोलते रहे ।इन्द्र लाल साह , किराना ब्यापारियों को अपनी तरफ से रेटलिष्ट पकड़ाते तो ब्यापारियों को बड़ी सुविधा होती थी धीरे – घीरे ब्यापार संघ मे छात्र नेताओं का प्रवेश हुवा तो ब्यापार संघ में मजबूती आई विजय जोशी तो ब्यापार मण्ड़ल की साख पर ही नगर पालिका के चेयरमैन चुने गये

आज प्रान्तीय उद्योंग ब्यापार मण्डल की अल्मोड़ा ईकाई में अध्यक्ष पद को लेकर मतगणना के सवाल पर न्यायालय मे वाद है । तो हरेन्द्र वर्मा के त्यागपत्र दे देने के बाद इस संगठन का अल्मोड़ा मे जिलाध्यक्ष कौन है ,यह अभी तय नही है । हरेन्द्र वर्मा एक प्रतिष्ठित ब्यापारी है ,। कोरोना काल में उन्होंने जनपद में ब्यापारियों के बीच जाकर ब्यापारियों की सुध भी ली , पर सूत्र बताते है कि जब आपसी बातचीत को तूल देते हुवे प्रन्तीय महामन्त्री प्रकाश चन्द्र मिश्रा की उपस्तिथि में नगर व जिला ब्यापार मण्ड़ल में विवाद व हाथापाई की नौबत आ गई तो जिला ब्यापार संघ ने त्यागपत्र दे दिया उसके त्यागपत्र के बाद जिला ब्यापार संघ है भी या नही इसका पता सार्वजनिक नही है । जिस पदाधिकारी को प्रान्तीय अध्यक्ष नवीन बर्मा अनुशासन हीनता के आरोप में संगठन से हटाने की बात करते है उन्ही के महामन्त्री उन्हीं नेता का नाम अपने वड्सप ग्रुप सन्देशों मे लिख भी रहे है जिससे ब्यापारियों मे असमंजस व भ्रम की स्तिथि है , लगता है,प्रान्तीय स्तर पर भी सबकुछ ठीक – ठाक नही है । यदि ऐसा है तो यह ब्यापारियों के हित मे नही है ।